दिल्ली की ब्लॉगर्स मीट, ब्लॉग जगत में छा गई!

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  • Shah Nawaz
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  • दिल्ली की ब्लॉगर्स मीट

    ब्लॉगर सम्मलेन की हर बात निराली है,
    मैं रात भर ख्वाब में भी वहीं था,
    पत्नी बोली......
    उठो सुबह होने वाली है.

    सुबह कार्यालय जाना था,
    वर्ना सम्मलेन में ही खोया रहता,
    सम्मलेन का मज़ा लेता,
    लोगो को दिखाने के लिए,
    मज़े से सोया रहता.

    वक्ताओं की भी वहां हर अदा निराली थी,
    खाने के लिए भी सबने महफ़िल जमा ली थी,
    समौसे, पकौड़े के साथ पीते रहे कोका-कोला.
    वहां तो कुछ बोल न पाया,
    लेकिन ख्वाबों में खूब बोला.

    अविनाश जी से कहते रहे,
    आपका प्रयास सफल है.
    और झा जी से बोले,
    अच्छे सम्मेलनों की
    सफलता तो अटल है.

    नापसन्दी चटका
    अब बंद होना चाहिए,
    जिसने टांग ही खींचनी है,
    उसे टिप्पिया के कहना चाहिए.

    खुशदीप सहगल जी की,
    इस बात में बहुत दम था,
    लगता है चाय में दूध थोडा ज्यादाह
    और पानी कम था.

    राजीव जी और माणिक की
    मेहमान नवाजी दिल को भा गई,
    और दिल्ली की ब्लॉगर्स मीट,
    पुरे ब्लॉग जगत में छा गई!

    -शाहनवाज़ सिद्दीकी





    Keywords:
    Hindi Kavita, Delhi Bloggers Meet, हिंदी कविता

    29 comments:

    1. आज फिर निश्चिंत माली है
      आपकी अदा भी तो निराली है
      इस अनोखे अन्दाज़ के क्या कहने

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    2. बहुत ही बढ़िया...सुन्दर..कवितामयी विवरण लेकिन मेरे बेटे का नाम तो कुनाल नहीं माणिक है .. :-(

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    3. शाहनवाज जी आपके इस प्रेम रस के प्रेम वर्षा के क्या कहने / लाजवाब प्रस्तुती / राजीव जी मैंने भी आपके बेटे का नाम कुनाल ही समझा था ,अच्छा हुआ आपने हमारी गलती हमें बता दी ,अब याद रखूँगा माणिक को,माणिक सचमुच माणिक है /

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    4. ज़ोरदार!
      ब्लोग्गेर्स मीट और कविता दोनों.

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    5. राजीव जी, गलती के लिए क्षमा चाहूँगा, मैंने कहीं पर कुनाल पढ़ा इसलिए अज्ञानतावश लिख दिया. चलिए इस त्रुटी के लिए क्षमा मांगते हुए मैंने इसे सही कर दिया है.
      :)

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    6. भाई आपने चाहा तो था मैं आपके साथ चलता, लेकिन मैं दिल्‍ली में नहीं था इस लिये इस ब्‍लागर मीट में हम साथ न जासके लेकिन आपसे यह तो पता चल ही गया कि में वहां न जाकर भी भाईयों को याद था, जिक्रे खेर में याद किया गया, धन्‍यवाद

      कविता लाजवाब,
      आपने हमारी नुमायंदगी की इसके लिये 'शाबाश'

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    7. Vyang Ras liye hue ek achhi Kavita Shah ji

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    8. इस अनोखे अन्दाज़ के क्या कहने......

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    9. Bahut badhiya Shahnawaz bhai.
      Is blogar meet ki ekmaaatra qaayde ki tasveer aapne hi post ki hai.Badahaaee!
      Kavita aur lambi hoti to aur maza aata.

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    10. वाह क्या बात है एक अनोखा अंदाज

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    11. बहुत बढ़िया..सफलता पर सभी को बधाई.

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    12. और दिल्ली की ब्लॉगर्स मीट,
      पुरे ब्लॉग जगत में छा गई!

      वह क्या लिखा है शाहनवाज़ भाई...............

      आपकी हास्य कविता भी छा गई...............

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    13. शाह जी ने काव्‍य से ब्‍लॉगरों को नवाज दिया।
      आज ब्‍लॉगर्स मीट को एक नया आगाज दिया।।

      आपसे विनम्र अनुरोध है कि गद्य में भी अपनी एक पोस्‍ट लगाएं। ब्‍लॉग जगत को अपने कीबोर्ड की खासियत से महकाएं।

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    14. शाहनवाज जी,
      आप सबसे मिलना एक सुखद संयोग रहा । चलिए इसी बहाने आपसे रूबरू तो हुए , बहुत ही दिलचस्प अंदाज़े बयां रहा आपका ।

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    15. बहुत-बहुत बधाई हो।
      जय ब्लॉगरी... जय हिन्दी... जय हिन्द...!!!

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    16. koi commentrators- meet bhi hoti hai?

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    17. शाहनवाज भाई,
      ये तो साफ़ कीजिए मेरी किस बात मे दम था,
      नापसंदगी वाली या चाय में दूध ज़्यादा पानी कम था...

      जय हिंद...

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    18. खुशदीप जी, बिलकुल नापसंद के चटके वाली बात में. :)

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    19. टिपण्णी करने वाले सभी साथियों का बहुत बहुत धन्यवाद!

      इरफ़ान भाई, कार्यालय की वयस्तता के चलते समय की कमी से बहुत कम ही लिख पाया. और यह फोटो भी मैंने नहीं खीचा, केवल फोटोशोप में edit किया था. :-)

      अविनाश जी, आपके अनुरोध और अन्तर्मन की आवाज़ पर गद्य में भी लिखने का प्रयास किया है. :)

      zeal जी, ब्लोगर्स सम्मलेन में केवल ब्लोगर ही नहीं बल्कि टिप्पणीकार भी पहुंचे थे. आगे से आपका भी बहुत-बहुत स्वागत है.

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    20. Apka likhne ka andaaz bahut hi achha hai. Kavita padhkar bahut maza aayaa. Lekin ye "नापसन्दी चटका" kya hai?

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    21. behtar!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

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    22. शाहनवाज जी , दिल्ली ब्लॉगर्स मीट की काव्य के माध्यम से अच्छी जानकारी दी है । चंद लाइनों में बहुत कुछ कह दिया है । मैं मीट में नहीं पहुंच सकी इसका मुझे बहुत दुख है ।

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