पिछले दिनों जिस तरह देश के प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि स्वयं चीनी राष्ट्रपति की मौजूदगी में गुजरात सरकार के द्वारा चीन के साथ व्यापारिक एमओयू पर साइन करने के बाद बाँटे गए नक़्शे में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को विवादित क्षेत्र दिखाया गया, यह बिलकुल चीनी दावे पर हमारी सरकार के द्वारा मुहर लगाने जैसा है
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साभार: Times Now |
मोदी जी ने कहा था कि व्यापार उनकी रगों में है, वहीँ उनकी पार्टी भी केवल स्वयं को ही राष्ट्रवादी दर्शाती है... तो क्या यह भी किसी शिष्टाचार / व्यापार / राष्ट्रवादिता का हिस्सा है? मेरा प्रश्न यह है कि गूगल मैप को अपनी साइट पर दिखाने जैसी छोटी सी गलती पर 'आम आदमी पार्टी' को देशद्रोही बताने और 49 दिनों तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे उसके नेता अरविन्द केजरीवाल और AK49 जैसी स्तरहीन बातें कहने वाले नरेंद्र मोदी आखिर अब इस देशद्रोह पर मौन क्यों हैं?
कुछ दिन पहले आपने इलेक्ट्रॉनिक्स मिडिया को ज़ोर-जोर से चिल्लाते हुए सुना होगा कि मोदी जी के दो-टूक कहते ही चाइनीज़ आर्मी वापिस चली गई, जो कि बाद में फेक न्यूज़ निकली...
हालत यह है कि चाइना की आर्मी अभी तक हमारे क्षेत्र पर कब्ज़ा जमाए हुए है और वहां के राष्ट्रपति सेना को क्षेत्रीय युद्ध के लिए तैयार रहने का हुक़्म दे रहे हैं। उनके द्वारा सीमा विवाद पर कड़ा रुख अपनाया जा रहा है, लद्दाख में अतिक्रमण को उनके राष्ट्रीय हित से जोड़ा जा रहा है।
हमें यह तय करना होगा कि हमारे लिए चाईना से व्यापारिक रिश्ते इतने ज़रूरी हैं कि उनका राष्ट्रपति हमारे मुल्क में आए तो हम उनके सामने स्वयं अपनी जगह को विवादित दिखा दें, वोह हमारे क्षेत्र पर कब्ज़ा करें, हमारे ही घर में घुसकर हमारे सैनिकों को आँख दिखाए, अपशब्द कहें, उनका घेराव करके कब्ज़ा जमाए और हम उनके साथ अपना रूहानियत का रिश्ता बताएं?
क्या हमारे लिए अपने देश में उनको व्यापार के ज्यादा अवसर देना, उनके उधार से स्मार्ट सिटी बनाना ज़्यादा ज़रूरी है या फिर अपने जवानों के मनोबल, उनकी इज्ज़त देश की संप्रभुता, सम्मान और अपनी ज़मीन की रक्षा करना?
जब तक चाईना अपना रवैया नहीं बदलता है, कम से कम तब तक तो हमें सख्त रवैया अपनाना ही चाहिए।
कारगिल में पाकिस्तानी सेना के दुस्साहस पर हमारी सेना ने उन्हें फ़ौरन मज़ा चखाया था... मगर इस बार व्यापार की चिंता ज़्यादा नज़र आ रही है या फिर नोबेल पुरस्कार की!
देश की संप्रभुता कहीं पीछे छूट गई लगती है।