स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य पहले लंबे समय तक इस्लाम को आतंकवाद से जोड़कर देखते थे। दरअसल उन्होंने 'हिस्ट्री ऑफ इस्लामिक टेररिज्म' नाम की किताब भी लिखी थी जिसमें उन्होंने क़ुरआन की कुछ आयतों को हिंसा से जोड़ा था। परन्तु जब वह 'इस्लाम के कारण खतरे में अमेरिका' नामक किताब पर काम कर रहे थे, तब इस्लाम के बारे में उनकी धारणा में बुनियादी परिवर्तन आया।
वह कहते हैं कि उन्होंने कुरआन को एक बार फिर पढ़ा और पाया कि जिन आयतों को मैं हिंसा से जोड़ रहा था, उनका आतंक से कोई लेना-देना नहीं था। यही नहीं स्वामी कहते हैं कि इसके बाद उन्होंने पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में बारीकियों से पढ़ा और पाया कि वह तो हमेशा शांति के लिए खड़े रहे शांति दूत थे।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 'इस्लाम' पर एक सेमिनार के दौरान उन्होंने यह बातें कहीं
पैगंबर मोहम्मद हमेशा शांति के लिए खड़े रहे शांति दूत थे - स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्यस्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य पहले लंबे...
Posted by Shah Nawaz on Tuesday, April 7, 2015