दिल्ली की केजरीवाल सरकार के लिए कोई भी विचार बनाने से पहले हमारे लिए यह जानना अति आवश्यक है कि दिल्ली सरकार के पास प्रशासनिक अधिकार नहीं है। दिल्ली में सर्विस मैटर मोदी सरकार ने 2014 में ही नोटिफिकेशन लाकर LG के अधीन कर दिया था, मतलब दिल्ली सरकार के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की रिपोर्टिंग दिल्ली सरकार को नहीं है बल्कि LG को है। दिल्ली सरकार के अधीन आने वाला कोई भी अधिकारी/कर्मचारी अगर अपने दायित्वों को नहीं निभाता है, कामचोरी या गलत तरीके से काम करता है, रिश्वतखोरी में लीन होता है तो दिल्ली सरकार उसके ऊपर कोई एक्शन नहीं ले सकती है, सिर्फ कार्यवाही के लिए शिकायत ही कर सकती है। उनकी जाँच तक के अधिकार LG को दे दिए गए थे। जिसके लिए दिल्ली सरकार अदालतों में लड़ रही है, फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट की तीन जज की बेंच में है।
शुरू में अरविंद केजरीवाल इस व्यवस्था के विरुद्ध लड़ता था, तब यह कहते थे कि केजरीवाल लड़ता बहुत है इसलिए दिल्ली वालों के काम नहीं हो रहे हैं। हालाँकि देर से ही सही पर केजरीवाल लड़-झगड़कर और कानूनी बाध्यताओं में बांधकर काम करवा लेता था। फिर जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के अधिकारों पर केजरीवाल सरकार के पक्ष में निर्णय दिया, जिसने दिल्ली पुलिस, लॉ एंड ऑर्डर तथा लैड को छोड़कर बाकी अधिकार दिल्ली सरकार को दिए गए, जिससे LG राज कुछ हद तक खत्म हुआ, परंतु सर्विस मैटर पर मामला 2 जज की बेंच के सुपुर्द कर दिया गया।
फरवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट की 2 जज वाली बैंच में से एक ने कुुुह हद तक दिल्ली सरकार और दूसरे ने केंद्र के पक्ष में फैसला दिया और इस कारण मामला 3 जज की बड़ी बैंच को ट्रांसफर कर दिया, जिसका फैसला अभी तक नही आया है। यही कारण है कि केजरीवाल ने कामों को करवाने के लिए समन्वय के साथ नियमों की बाध्यताओं के सहारे और अधिक से अधिक काम करने की नीति अपनाई, तो अब यही लोग कहते हैं कि केजरीवाल बोलता नहीं है।
मैं भी मानता हूँ कि अब केजरीवाल कम बोलता है और केवल बेहद ज़रूरी मुद्दों पर ही आवाज़ उठाता है, क्योंकि राजनीति के इतने अनुभव के बाद समझ में आ गया है कि आज की परिस्थिति में कम बोलने और ज़्यादा करने से ही जनता के हित पॉसिबल हैं। इसलिए जो अधिकार क्षेत्र में है, उसमें ज़्यादा से ज़्यादा कोशिशें कर लिया जाना सबसे बेहतर तरीका है। और यही वजह है कि दिल्ली में इतने काम पॉसिबल हो पाए।
Keywords: aam aadmi party, arvind kejrowal, delhi government, delhi govt,
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यानी कठिन डगर है पनघट की
ReplyDeleteसही कहा...
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (04-03-2020) को "रंगारंग होली उत्सव 2020" (चर्चा अंक-3630) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद शास्त्री जी...
Deleteइस चुनाव के बाद से केजरीवाल जी की गंभीरता बहुत अच्छी है. धीरे धीरे लोग उनकी कर्मठता और काम को समझेंगे. बहुत अच्छा आलेख.
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