जब भी चाँद आसमाँ में आता है
तेरा चेहरा चुरा के लाता है
जब कोई गीत नया लिखता हूँ
मुझको तेरा ख्याल आता है
भँवरे मद-मस्त हो कर चलते हैं
फूल तेरी तरह मुस्काता है
क्योंकि यह कारनामा ऐ हमदम
यहाँ बस आपको ही आता है
झरना तेरी तरह ही शीतल है
धारा तेरी तरह ही अवकल है
तेरी अंगडाईयाँ हैं दरिया में
सबको तेरा हुनर ही आता है
बादलों में तेरी रवानी है
बारिशों में तेरी जवानी है
बिजलियों में अदा तुम्हारी हैं
मौसम तेरी तरह सताता है
इश्क में जोश है तेरा हमदम
हुस्न तेरी तरह शर्माता है
दोस्ती में तेरी ही खुशबु है
वफ़ा का तुझ से ही तो नाता है
- शाहनवाज़ सिद्दीकी "साहिल"
Keywords: Gazal, Ghazal, ग़ज़ल, हिंदी, hindi, poem
जब भी चाँद आसमाँ में आता है
ReplyDeleteतेरा चेहरा चुरा के लाता है
जब कोई गीत नया लिखता हूँ
मुझको तेरा ख्याल आता है
बहुत सुन्दर बढ़िया रचना .... बधाई...
वह शाहनवाज़ भाई कमाल कर दिया आप ने
ReplyDeleteबहुत अच्छे शुक्रिया !
shaandaar rachna........
ReplyDeleteBahut Bhadiya Shah. ji..
ReplyDeleteThanks
App ki Gazal Hamesha hi acchi hoti hai par ye wal bahut acchil lagi
ReplyDeleteबढ़िया
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना।
ReplyDeleteवाह क्या तफ्री है?
ReplyDeleteThis comment has been removed by a blog administrator.
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिखा है शाहनवाज़ भाई , बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत खूब...
ReplyDeleteबादलों में तेरी रवानी है
ReplyDeleteबारिशों में तेरी जवानी है
बिजलियों में अदा तुम्हारी हैं
मौसम तेरी तरह सताता है
*
*
बहुत खूब
खूबसूरत रचना...
ReplyDeleteshda chayan ati sundar
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...
ReplyDelete***********************
'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है.
ati sundar!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना।
ReplyDeleteखूबसूरत अंदाज़ !! कभी जलते सुलगते सवालों को भी विषय बनाएं !
ReplyDeleteवाह/ छा गये..बहुत उम्दा!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना !
ReplyDeleteझरना तेरी तरह ही शीतल है
ReplyDeleteधारा तेरी तरह ही अवकल है
तेरी अंगडाईयाँ हैं दरिया में
सबको तेरा हुनर ही आता है
बादलों में तेरी रवानी है
बारिशों में तेरी जवानी है
बिजलियों में अदा तुम्हारी हैं
मौसम तेरी तरह सताता है
भाई जान क्या खुबसूरत ग़ज़ल है वाह !!
पढने के बाद अजीब सी ख़ुशी होती है...
ReplyDeleteअंदाज़ सूफियाना है!
ReplyDeleteखूबसूरत रचना ..!
ReplyDeleteझरना तेरी तरह ही शीतल है
ReplyDeleteधारा तेरी तरह ही अवकल है
तेरी अंगडाईयाँ हैं दरिया में
सबको तेरा हुनर ही आता है
बेहद खूबसूरत पंक्तियाँ ..वाह ....
वह शाहनवाज़ भाई कमाल कर दिया आप ने
ReplyDeleteबहुत अच्छे शुक्रिया !
बहुत पसन्द आया
ReplyDeleteहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
wah-wah!bht khoob....shah nawaaz ji
ReplyDeletemaan gaye ki, aap gazal bhi itni khoobsurati se likhte hai...jis prkaar anaya rachna...
best wishes...
हमारीवाणी का लोगो अपने ब्लाग पर लगाकर अपनी पोस्ट हमारीवाणी पर तुरंत प्रदर्शित करें
ReplyDeleteहमारीवाणी एक निश्चित समय के अंतराल पर ब्लाग की फीड के द्वारा पुरानी पोस्ट का नवीनीकरण तथा नई पोस्ट प्रदर्शित करता रहता है. परन्तु इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है. हमारीवाणी में आपका ब्लाग शामिल है तो आप स्वयं हमारीवाणी पर अपनी ब्लागपोस्ट तुरन्त प्रदर्शित कर सकते हैं.
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बादलों में तेरी रवानी है
ReplyDeleteबारिशों में तेरी जवानी है
बिजलियों में अदा तुम्हारी हैं
मौसम तेरी तरह सताता है
बहुत खूबसूरत गज़ल। बधाई। आशीर्वाद।
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