फ़ासिज़्म के पेरुकार
-
फ़ासिज़्म की एक पहचान यह भी है कि इसके पेरुकार अपने खिलाफ उठने वाली आवाज़ को
बर्दाश्त नहीं कर सकते, हर हाल में कुचल डालना चाहते हैं!
चुनावी मौसम में मासूमों की बलि
Posted on by Shah Nawaz in
Labels:
Micro-post,
छोटी बात
Labels:
Micro-post,
छोटी बात
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
हां सच कहा आपने और सच में ही शाहनवाज़ भाई मुझे तो लगता है कि ये चुनाव लोकतंत्र का शोक मनाने के लिए होता है ।
ReplyDelete