"सम्मान समारोह में बड़ा खुलासा"
सतीश सक्सेना सम्मान समारोह में भाग लेने आये 3 ब्लोगर बंधुओं को अपनी कार में घुमा रहे थे, बीच में उन्होंने नुक्कड़ पर अविनाश वाचस्पति को फोन करके बताया की उनके साथ कुछ लोग हैं, जिनके ठहरने का इंतजाम कनाट पेलेस के पांच सितारा होटल 'दा पार्क' में किया गया है और सारा खर्च अभी तक उन्होंने ही किया है. उनकी मांग थी कि होटल और उनकी कार पर हुआ खर्च अविनाश जी सूद समेत उन्हें दें, लेकिन अविनाश वाचस्पति अड़ गए की ब्लोगर्स बंधुओं को अपने ठहरने का इंतजाम खुद करना चाहिए, वह एक पैसा भी नहीं देंगे. इस बात को लेकर काफी देर तक उन दोनों में बहस होती रही, हालाँकि सतीश सक्सेना ड्राइविंग कर रहे थे. अविनाश जी ने यहाँ तक कह दिया की उनके पास किसी को देने के लिए एक खोटा पैसा भी नहीं है, जिसमें हिम्मत हो ले ले! इस पर श्री सतीश सक्सेना ने कहा कि वह जो पैसों से भरा झोला अपने साथ रखते हैं, समारोह में उनसे वही झोला छीनकर सारी वसूली की जाएगी.
सतीश जी की यह धमकी सुनकर अविनाश जी डर गए, यहाँ तक कि अपना झोला भी लेकर नहीं आये. फिर क्या था, यह सूचना मिलते ही सतीश सक्सेना ने भी समारोह में आने का फैसला बदल डाला. शायद उन्हें लगा होगा कि अविनाश वाचस्पति ने धमकी से डर कर न्यू मीडिया के बीच जाने का फैसला ना कर लिया हो, उन्हें क्या पता कि अविनाश जी ने तो डर के मारे यह बात रविन्द्र प्रभात को भी नहीं बताई थी.
लेकिन न्यू मिडिया के सूत्र यह सब पता लगा चुकें थे, यह सजग प्रहरी सम्मलेन के पीछे के सारे खेल को धीरे-धीरे सबके सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध थे. सबसे पहले तो हम उन तीनो ब्लोगर बंधुओं के चित्र आपको दिखाते हैं.
गौर से देखिये और पहचानिए इन तीनो को, जो सतीश सक्सेना की साजिश में शामिल थे, इन्ही तीनो के नाम पर वसूली की साजिश का प्लान बनाया गया था. |
इन तीनो के साथ मिलकर सतीश सक्सेना नामक ब्लोगर ने होटल के इसी कमरे में इस साज़िश का ताना-बाना बुना था |
देखिये प्लान सुनकर कितने खुश नज़र आ रहे हैं यह लोग |
गंभीर मंत्रणा चल रही है |
अपने साथ समर्थन जुटाने के लिए यह लोग छतीसगढ़ बिग्रेड से भी गुप-चुप मंत्रणा करने पहुँच गए |
सबूत के लिए इस मंत्रणा की ख़ुफ़िया कैमरे से ली गई तस्वीर देखिये |
सुनीता शानू जी के ऊपर खाने-पीने का भार सौंपा गया था |
अविनाश वाचस्पति, डर के मारे मंच से नीचे नहीं उतर रहे थे, इसलिए सतीश सक्सेना का एक साथी तो वसूली के लिए स्टेज पर ही जा धमका.
लेकिन अविनाश वाचस्पति उसे देखते ही उसके इरादों को भांप गए थे, इसलिए उन्होंने तुरंत ही उसकी मुलाक़ात मंच पर बैठे 'बड़े लोगो' से करा दी, जिससे कि वह उन लोगो के सामने कुछ बोल ना सके. उन लोगो ने समझा यह भी कोई साहित्यकार या उपलब्धि प्राप्त ब्लोगर है :-) तो उसे भी झट से ट्रॉफी और सर्टिफिकेट देकर मंच से ज़बरदस्ती नीचे उतार दिया गया.
सतीश जी का यह गुर्गा, अजीब सी स्थिति में फंस गया था, इसलिए सिवाए मुस्काराने के कुछ भी नहीं कर सका, सोच रहा है जान बची सो लाखो पाए!
तो आपने देखा, पुराने खिलाड़ी अविनाश वाचस्पति ने किस तरह सतीश सक्सेना के हमले को झेला, ना सिर्फ झेला बल्कि अपनी चतुराई की बदौलत उसको बेकार भी कर दिया.
(हमने सतीश सक्सेना और उनके गुर्गों को बेनकाब कर दिया है, आप लोगो को यह ख़ुफ़िया जानकारी कैसी लगी, हमें लिख भेजिए!)
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ऐसी खुफ़िया जानकारियों का हमेशा स्वागत है………ऐसी जानकारियों की ब्लोगजगत को बहुत जरूरत है………अब पता चल गया है आगे से आपको ही खुफ़िया विभाग सौंपा जायेगा …………आपका काम बिल्कुल परफ़ेक्ट है। चलो इस बहाने एक जासूस तो मिला ब्लोग जगत को।
ReplyDeleteकमाल है शाहनवाज भाई आपके इस अंदाज़ और फोटो को देख , एक बार तो डरा ही दिया कि यह कौन सा गंग चला रहा हूँ मैं ! खैर ...
ReplyDeleteअविनाश भाई पुराने घुटे हुए चावल हैं , आसानी से थैला नहीं जाने देंगे ! मगर अपना पूरा गंग ही लगा हुआ है देखते हैं बकरे कि माँ कब तक खैर मनाएगी ! :-)
बहरहाल आपको, अविनाश जी को शुभकामनायें !
सतीश सक्सेना जी शरीफ ब्लोगर है, शाहनवाज भाई क्यों आप एक शरीफ को DON बनाने पर तुले हैं...और रही अविनाश जी की बात वो बेचारे तो हर किसी को अपना सबकुछ देने को तैयार रहते हैं..ऐसे में वो कैसे कह सकते हैं की "जिसमे हिम्मत हो ले ले"ऐसा अगर वो कह पाते तो आज उतराखंड के मुख्यमंत्री अविनाश जी ही होते.......वैसे आपके इस पोस्ट की तस्वीर एकदम सीधी बात वाली है जिसमे कोई बकवास नहीं...शानदार तस्वीर के लिए आभार...
ReplyDeleteEmotional healing देती हुई एक अच्छी पोस्ट और फोटो तो बिल्कुल कथानक के अनुरूप ही हैं ।
ReplyDeleteभाई आपका रोपोर्टिंग का ये अंदाज़ भी लाजवाब लगा ... सतीश जी के बारे में इतना कुछ नही पता था ... पर ये समझ नही आया की इतना सब कुछ किसकी शै पर हुवा .... कोई डॉन है क्या इसके पीछे ... खुश्दीप जी से पूछ कर बताना ....
ReplyDeleteडान वाले अंदाज में जम रहे है सतीश जी..शानदार तस्वीर के लिए आभार...
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी सनसनी।
ReplyDeleteशाहनवाज़ भाई, इस गैंग की एक सदस्य में भी हूँ, मेरी जगह प्रियंका को क्यूं लगाया???
ReplyDeleteशाहनवाज़ जी.और कोई लग रहा हो या न लग रहा हो मगर आप ज़रूर लग रहे हैं कि होटल में ठहरे हुए हैं...
ReplyDeletecoooool :]
ReplyDeleteThanks!
कविता जी... लीजिये जब आप इतने प्यार से गैंग ज्वाइन करना चाह रही हैं तो कर लिया है आपको भी शामिल :-)
ReplyDeleteप्रियंका थोडा नाराज़ हो जाएंगी.. चलिए कोई बात नहीं उनको भी मना लेंगे... वोह भी अपने गैंग की ही हैं..... ;-)
इस गैंग में हमें भी शामिल कीजिये, सतीश भाई से हमें भी माफियागिरी सीखनी है!
ReplyDeleteek sansani khej khabar.......
ReplyDeletejai baba banaras................
वाह! क्या कहानी है?
ReplyDeleteवाह! क्या कहानी है?
ReplyDeleteभैय्या मुझे भी शामिल कर लो ... मैं तो चलता फिरता लाइव कास्ट ( खुपिया केम) लिए घूमता हूँ .... हा हा हा
ReplyDeleteअगले सप्ताह मै हरिद्वार घूमने आ रहा हूँ ... समय मिला तो आपसे जरुर मुलाकात करने की कोशिश करूँगा ...
ReplyDeleteद्विवेदी जी... कहानी कहाँ, यह सब तो एकदम सच है.... आप तो गवाह हैं... और वकील भी... :-)
ReplyDeleteनिलेश माथुर जी और महेन्द्र मिश्र जी... आप दोनों का बहुत-बहुत स्वागत है हमारे इस गैंग में... कहिये तो फोटो भी चिपका दूँ?
ReplyDeleteशाहनवाज भाई !
ReplyDeleteजो जो अपनी सहमती दें उनका फोटो बिना पूंछे पोस्टर में लगाते जाएँ, ताकि सनद रहे ! अनवर भाई को और मना लो तो गैंग की कीमत में बड़ा इजाफा होगा ...
किसी भी मेंबर के पकडे जाने की सूरत में जमानत का इंतजाम, गैंग के खर्चे पर तुरंत होगा :-))
वाह ! मजेदार रिपोर्टिंग |
ReplyDelete|| बढ़िया लगा ये अंदाज भी ||
औफ़िस में होने के कारण मैं इस डॉन पार्टी में आने से वंचित रह गया वर्ना किसे नहीं पता कि गैंग तो यही है और अड्डे भी सारे जाने पहचाने से ही हैं । बहुत कमाल की प्रस्तुति रही शाहनवाज़ भाई
ReplyDeleteवाह क्या अन्दाज़ है। बेता जी मुझे फोटो भेज देना मेरे वाली। शुभकामनायें।
ReplyDeleteji mane bhi yeh sab dekha ....
ReplyDeleteतस्वीरें देखकर बहुत अच्छा लगा..कुछ पल ही सही लगा ही हम भी आस-पास ही थे .....
ReplyDeleteबढ़िया अंदाज लगा..आभार
nice
ReplyDeleteमजोदार रिपोर्टिंग
ReplyDeleteवाह जी बहुत खुब,मजे दार, अगली बार कोई काम करवाना हो तो आप को पकडेगे, डान से सीधे बात कोन करता हे हे:)
ReplyDeleteये तरीका भी जोरदार रहा...
ReplyDeleteha...ha...haa...maza aa gayaa. pahale to lagaa jaan hi nikal jayegee...lekin baad men jan men jaan aaee..
ReplyDeleteइस गंभीर और खुफिया जालसाजी के इस जीवन्त भंडाफोड कार्यक्रम को सप्रमाण प्रस्तुत करने के लिये शाहनवाज भाई आप विशेष बधाई के हकदार तो बनते ही हैं । कृपया बधाईयां स्वीकार करें ।
ReplyDelete.
ReplyDeleteरोचक प्रस्तुति.. सस्पेन्स के मारे मैं भी चला आया और इस बहाने आपका ब्लॉग भी पहली बार देख लिया ।
शर्मिन्दा हूँ कि अब तक क्यों नहीं देख पाया था । शुभकामनायें !
ठीक ही नाम रखा है आपने अपने ब्लॉग का - प्रेम रस . गजब का भिगोया है. सब नहाए से. भांग - जल से.
ReplyDeleteनौनी लगी पोस्ट .
अब समझ में आ रहा है कि इस समय मैंने फोन किया था तो सतीश जी काहे बिजी आ रहे थे. दुरुस्त मौज !
@ राज भाटिय़ा
ReplyDeleteबिलकुल राज जी... कोई भी काम पड़े... फ़ौरन याद कीजियेगा...
और किसी को उड़ना-वुड़ाना हो तो डॉन की जगह इस गुर्गे को ही याद करना... हा हा हा...
@ डा० अमर कुमार
आपका बहुत-बहुत स्वागत है अमर जी... आपके आने से प्रेम रस की चाशनी और भी मधुर हो गई है... :-)
@ अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी said...
ठीक ही नाम रखा है आपने अपने ब्लॉग का - प्रेम रस.
बहुत-बहुत शुक्रिया अमरेन्द्र भाई!
एक अच्छी पोस्ट और फोटो तो बिल्कुल कथानक के अनुरूप हैं आभार...
ReplyDeleteहे भगवान! मै तो डर ही गई थी कि कहीं सचमुच कोई धमकी तो नही दे दी गई। वैसे सतीश जी शकल से ऎसे लगते तो नही हैं:)
ReplyDeleteपोस्ट पढ़कर बहुत आनंद आया। शुक्रिया बहुत बहुत शुक्रिया आप सब ने हमारे घर पधार कर हमे इतना आदर दिया।
अब तक सम्मान समारोह से जुड़ी कई रिपोर्ट पढ़ चुके हैं लेकिन आपका सनसनी भरा शीर्षक खींच लाया इधर और आपके लिखने के निराले अन्दाज़ ने टिप्पणी करने पर लाचार कर दिया..रिपोर्टिंग का अनूठा अन्दाज़ बहुत बढ़िया लगा.. शुभकामनाएँ
ReplyDeleteहा हा हा
ReplyDeleteएकदम भव्य था जी.. इतने बड़े बड़े धुरंधर जो पहुंचे थे... रिपोर्टिंग जोरदार रही :)
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