मेरा वजूद बदलता दिखाई देता है

उधर से चिलमन सरकता दिखाई देता है
इधर नशेमन फिसलता दिखाई देता है

तुझे पता क्या तेरे फैसले की कीमत है
मेरा वजूद बदलता दिखाई देता है

उमड़-उमड़ के जो आते हैं मेघ आँगन में
फटा सा आँचल तरसता दिखाई देता है

कई रातों से भूखा सो रहा था जो बच्चा
आज फिर माँ से उलझता दिखाई देता है

झूठे वादों की लोरियों से परेशां है जो
वही हाकिम से झगड़ता दिखाई देता है

अरे पैसों के गुलामों कभी तो यह देखो
क़ैद में पंछी तड़पता दिखाई देता है

- शाहनवाज़ 'साहिल'

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